बेटी बोली खेल खिलौना नहीं चाहिए मुझको बस सुंदर सुंदर अच्छी दो किताबें ला दो। बेटी बोली खेल खिलौना नहीं चाहिए मुझको बस सुंदर सुंदर अच्छी दो किताबें ला दो।
जन-जन का आव्हान हैं हिंदी भारत का गौरवशाली मान है हिंदी! जन-जन का आव्हान हैं हिंदी भारत का गौरवशाली मान है हिंदी!
मेरा हर दिवस मेरा सौभाग्य बन जाता है, मेरा हर दिवस मेरा सौभाग्य बन जाता है,
दिल के हर कोने में बैठे- बस तुम ही तुम हो। दिल के हर कोने में बैठे- बस तुम ही तुम हो।
विमुग्ध बिमल क्षरे अबिरल शीत पूत ज्योत्स्ना राशि आनंदाश्रु सम अश्कों की कण बिखेरे शबनमी मोती निस... विमुग्ध बिमल क्षरे अबिरल शीत पूत ज्योत्स्ना राशि आनंदाश्रु सम अश्कों की कण बि...